Not known Factual Statements About Shodashi
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
This mantra is really an invocation to Tripura Sundari, the deity staying tackled In this particular mantra. It is a request for her to meet all auspicious desires and bestow blessings upon the practitioner.
चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से website साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
By embracing Shodashi’s teachings, people cultivate a daily life enriched with function, love, and relationship towards the divine. Her blessings remind devotees from the infinite splendor and knowledge that reside inside of, empowering them to Stay with authenticity and Pleasure.
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
The intricate relationship in between these groups as well as their respective roles from the cosmic purchase is a testament on the wealthy tapestry of Hindu mythology.
Hadi mantras are known for their ability to purify and are usually employed for cleaning rituals and preparatory techniques.